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घर लौटने का समय

  • Writer: Umesh Dobhal
    Umesh Dobhal
  • Sep 27, 2022
  • 1 min read

पहाड़ियों की चोटियों पर तना

वर्षा के बाद का खुला-खुला सा आसमान


कहीं तैरते उड़े-उड़े से बादल

और पहाड़ी पगडंडी का अकेला सफर

लम्बी गर्मियों और निरर्थक हलचलों के बीच उगा

यह खूबसूरत सा मंजर


चीड़ वनों से आकर

बादलों से बतियाती हवा

और चोटी दर चोटी

बिखरे शाम के रंग


दिनभर की उदासी

अनबुझे सवालों के बोझ की थकान

इस समय लग रही है

मीठी-मीठी


यह समय कुछ लेकर

घर लौटने का है।


– उमेश डोभाल

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