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गुण्डा

  • Writer: Umesh Dobhal
    Umesh Dobhal
  • Sep 27, 2022
  • 1 min read

सड़क पर ऐंठ कर

आगे बढ़ता है गुण्डा


साथियों के बीच बादशाह है

गैरों के बीच डरा हुआ सतर्क आदमी


गुण्डा उन सामाजिक मूल्यों की उपज है

नकारा आदमी को जो महान घोषित करती है


दुख से डरे और सहमे हुओं के बीच

गुण्डा हीरो है


गुण्डे का विरोध

स्थापित मूल्यों का विरोध है।


-उमेश डोभाल

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