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ग्यारहवीं बटालियन

  • Writer: Umesh Dobhal
    Umesh Dobhal
  • Sep 25, 2022
  • 1 min read

पंजाब हो या मिजोरम

दंगे हों या हुई हो कहीं सरहद पर झड़प

हर मोर्चे पर सबसे आगे है ग्यारहवीं बटालियन


दुश्मन भीतर का हो या बाहर का

हर जगह लड़ रही है ग्यारहवीं बटालियन


यह चीत्कार किसकी है।

किसका खून बहा जमीन पर

यह लड़ते-लड़ते कौन मरा

हर जगह घायल हुई है ग्यारहवीं बटालियन


युद्ध के इन खौफनाक दिनों

घायल अथवा शहीद हुए किसी भी जवान को

मां समझती है ग्यारहवीं बटालियन

भाई से भाई की इस लड़ाई में

मां की भूख प्यास है ग्यारहवीं बटालियन

आजकल मां के दिलो-दिमाग को

झन-झना रही है ग्यारहवीं बटालियन


गांव की ओर आता डाकिया

मां को लगता है ग्यारहवीं बटालियन

मां की गम और खुशी है ग्यारहवीं बटालियन

मां का प्यारा फौजी बेटा है ग्यारहवीं बटालियन।


– उमेश डोभाल

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