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कितना मुश्किल है चिड़िया होना

  • Writer: Umesh Dobhal
    Umesh Dobhal
  • Sep 24, 2022
  • 1 min read

पौ फटने के साथ ही

आंखें खोल कर

पूरब की ओर देखती है चिड़िया

चिड़िया दिन भर चहकती है

दाना चुगती है और फुदकती है

'समझदार आदमी ऐसा नहीं करता ।


आदमी के भीतर भरा हुआ है डर

चिड़िया फिक्रमंद नहीं होती

चिड़िया बच्चों को लेकर ।

देखती है मीठे सपने

चिड़िया बच्चों को पाल पोस कर

उड़ना सिखाती है

फिर भूल जाती है सब कुछ

चिड़िया को याद रहता है

फुदकना, दाना चुगना, चहचहाना

छोटी सी चिड़िया की कितनी बड़ी दुनिया है

आदमी के षड़यंत्रों से

बेखबर रहती है चिड़िया

चिड़िया सपने में भी किसी का बुरा नहीं सोचती

कितना मुश्किल है चिड़िया होना।


-उमेश डोभाल

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