लड़ रहा हूं
- Umesh Dobhal
- Sep 26, 2022
- 1 min read
अंधेरे से लड़ रहा हूं
मैं अपने आप से लड़ रहा हूं
चांद तारे छुप गये हैं बादलों में
मैं अंधेरे को चीरता पग-पग बढ़ता जा रहा हूं
बरस रहा मूसलाधार पानी
चमकती बिजलियों में पथ ढूंढता जा रहा हूं
नशे का उन्माद मुझ पर
अनदेखे रास्ते पर दृढता से बढ़ रहा हूं
असफलताएं रास्ते में हैं खड़ी
उन्हें ढकेलता, लक्ष्य को टटोलता जा रहा हूं।
– उमेश डोभाल
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