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उदास बसन्त

  • Writer: Umesh Dobhal
    Umesh Dobhal
  • Sep 26, 2022
  • 1 min read

रात बीत जायेगी

फिर सवेरा होगा

कल मनायेंगे बसन्त

सूरज को आना ही है

रोशनी में बतियायेंगे

पत्तों से पेड़ों में फूल

पगडंडी पर खुशबू लदी है

किसी की नींद में सपना बन कर

जाने को नहीं होता है मन।

– उमेश डोभाल

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