Umesh DobhalSep 25, 20221 min readहथियार उठाने ही होंगेछोये भी नहीं फूटे मौसम भी खिलाफ कर दिया गया है गांवो में यक-ब-यक बढ़ गई है उम्र पेड़ों की तरह गायब होने के लिए कितने गुमसुम हो गये हैं...
Umesh DobhalSep 25, 20221 min readयुद्व में हूंबहते हुए झरने, गाड-गधेरे पहाड़ों की चोटियां बुग्याल और उनका फैलाव अच्छे लगते हैं गीत गाते ग्वाले को हलवाहों को बैलों की चुनींदा भाषा में...
Umesh DobhalSep 24, 20221 min readजागो बसंत दस्तक दे रहा हैसरपट भागते घोड़े की तरह नहीं अलकनंदा के बहाव की तरह धीरे धीरे आयेगा बसंत बसंत की पूर्व सूचना दे रहे हैं मिट्टी पानी और हवा से ताकत लेकर...
Umesh DobhalSep 24, 20221 min readअब मैं मार दिया जाऊंगाअब जबकि समाप्त हो रहा हूं मैं मेरा जिस्म मैं, इस वक्त भी उन्हीं के साथ हूं यह पहाड़ी की ऊँची बुलंदियां और नीचे फैली घाटियों का विस्तार...
Umesh DobhalSep 24, 20221 min readलड़ाई कहां से शुरू की जाएबहुत पहले। हमारे जन्म के बाद पिता की न सह सकने वाली ज्यादतियों के बावजूद तुमने सोचा होगा मेरे बेटे जवान होकर, हर दुख हर लेंग मेरा हमारे...
Umesh DobhalSep 24, 20221 min readवे कौन हैंवे कौन है जो प्रत्येक सुबह चिड़ियों के चहचहाने से पहले उठ जाते हैं और बिछ जाते है हर उस जगह जहां तुम्हें गुजरना होता है अपने...
Umesh DobhalSep 24, 20221 min readजंगल के गीतजंगल धू-धू जल रहे हैं कौन जला गया है जंगलों को जंगलों में उपजे गीत और कवितायें हमारी सबसे खूबसूरत रचनायें हैं जंगलों को हम बच्चों और...
Umesh DobhalSep 24, 20221 min readकितना मुश्किल है चिड़िया होनापौ फटने के साथ ही आंखें खोल कर पूरब की ओर देखती है चिड़िया चिड़िया दिन भर चहकती है दाना चुगती है और फुदकती है 'समझदार आदमी ऐसा नहीं करता...